आईआईएमटी ग्रुप विद्या भारती के छात्रों को देगा छात्रवृत्ति (21.04.2025)
Apr 20 – 22
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Vidya Bharti Meerut Prant (Owner)
विश्वविद्यालय, मेरठ के प्रति कुलाधिपति डॉ. मयंक अग्रवाल ने विद्या भारती के प्रांत संगठन मंत्री प्रदीप गुप्ता को आज शिशु मंदिर, विद्या भारती के प्रतिभावान विद्यार्थियो के लिए छात्रवृत्ति पत्र प्रदान किया। यह । छात्रवृत्ति आईआईएमटी ग्रुप जिसमें आईआईएमटी विश्वविद्यालय, मेरठ, आईआईएमटी इंजीनियरिंग कॉलेज, मेरठ, एवं आईआईएमटी ग्रुप ऑफ कॉलेजेज, ग्रेटर नोएडा की ओर से विद्या भारती द्वारा संचालित माध्यमिक विद्यालयों के इंटरमीडिएट परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को प्रदान की जाएगी। छात्रवृत्ति प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को उनके विद्यालय के प्रधानाचार्य की संस्तुति पर आईआईएमटी समूह के किसी संस्थान में प्रवेश लेने पर इस योजना का लाभ मिलेगा। यह छात्रवृत्ति योजना शैक्षणिक सत्र 2025- 26 से लागू होगी। डॉ. मयंक अग्रवाल ने कहा कि यह पहल न केवल मेधावी विद्यार्थियों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि विद्या भारती जैसे राष्ट्रीय शैक्षिक संगठनों के साथ सहयोग को भी और सशक्त बनाएगी। इस अवसर पर श्री प्रदीप गुप्ता ने आईआईएमटी विश्वविद्यालय का आभार प्रकट करते हुए कहा कि यह छात्रवृत्ति योजना निश्चित ही हमारे छात्रों को आगे बढ़ने की प्रेरणा देगी। प्रदीप गुप्ता ने लर्न हाउ टू लर्न विषय पर कार्यशाला के माध्यम से आईआईएमटी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूथ की परिभाशा बताते हुए ऊर्जा, अनुशासन और लक्ष्य की सीख दी। कार्यषाला का आयोजन स्कूल ऑफ कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन्स द्वारा किया गया। गुप्ता ने युवाओं को यह भी सलाह दी कि वे अपने रोल मॉडल को सोच-समझकर चुनें, क्योंकि यह निर्णय उनके भविष्य को दिशा देता है। उन्होंने कहा कि किसी को फॉलो करने से पहले, यह जानना जरूरी है कि वह किस मूल्य - व्यवस्था को दशार्ता है। कार्यक्रम का औपचारिक शुभारंभ डीन, स्टूडेंट्स वेलफेयर डॉ. नीरज शर्मा ने किया। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि आज के समय में केवल किताबी ज्ञान पर्याप्त नहीं है, बल्कि यह जानना जरूरी है कि कैसे सीखा जाए, और कैसे सीखे हुए को जीवन में उतारा जाए। डीन डॉ. सूरज मलिक ने मुख्य वक्ता का आभार जताते हुए कहा कि ऐसे सत्र छात्रों के व्यक्तित्व निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह कार्यशाला न केवल एक व्याख्यान तक सीमित रही, बल्कि छात्रों को उनके करियर, चरित्र और कौशल विकास की दिशा में एक गहन अंतर्दृष्टि भी प्रदान कर गई। सत्र के दौरान छात्रों ने वक्ता से सवाल भी पूछे, जैसे हलक्ष्य निर्धारण में क्या प्राथमिकताएं होनी चाहिए ?ह्न और स्मार्ट स्टडी बनाम हार्ड स्टडी में क्या अंतर है ? इन प्रश्नों के उत्तरों से छात्रों को व्यावहारिक दृष्टिकोण प्राप्त हुआ । कार्यक्रम के दौरान डॉ. नरेंद्र कुमार मिश्रा, विभागाध्यक्ष रचना शर्मा और चीफ प्रॉक्टर डॉ. भूपेंद्र सिंह उपस्थित रहे कार्यक्रम का सफलतापूर्वक संचालन डॉ. संजीब कुमार मिश्र ने किया।
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