13/08/ 2021 को स्वामी विवेकानंद सरस्वती विद्या मंदिर में आचार्य सम्मेलन आयोजित किया गया ।विद्या भारती की परंपरा के अनुसार कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ। इसमें स्वामी विवेकानंद विद्या मंदिर के अतिरिक्त दो ओर विद्यालय लोनी विद्या मंदिर, सुभानपुर विद्या मंदिर परिवार के आचार्य भी सम्मिलित रहे। इस तरह की कार्यशाला गाजियाबाद के 3 विद्यालयों में आयोजित की गई। यह कार्यक्रम 3 सत्रों में विभाजित रहा। जिसके प्रथम सत्र में प्रबंध समिति के सदस्य कैलाश राघव जी के द्वारा विद्या भारती के लक्ष्य को आचार्यों के साथ साझा करते हुए बताया कि भारतीय संस्कृति' वसुधैव कुटुंबकम्' व 'सर्वे भवंतु सुखिनः' पर आधारित है। इस अवधारणा को विद्या भारती के विद्यालयों के माध्यम से कैसे अखिल विश्व स्तर तक प्रसारित किया जाए,अपने सुझाव दिये, दूसरे सत्र में आचार्या श्रीमती रमा जी द्वारा ' राष्ट्रीय शिक्षा नीति 'के महत्व ,उसका क्रियान्वयन और परिणाम इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा करते हुए बताया कि किस प्रकार हम भारत को (एन. ई. पी) शिक्षा के माध्यम से विकसित देशों की कतार में खड़ा कर सकते है। तीसरे सत्र में सभी आचार्य बंधुओं द्वारा कोरोना काल में किए गए (प्रयास) नवाचार के बारे में विषय के अनुसार समहू में चर्चा की गई और उन नए विचारों से कार्यशाला में उपस्थित सभी आचार्यो को अभिसिंचित किया गया ।इस कार्यक्रम में विद्यालय प्रबंध समिति के अध्यक्ष डॉ राधेश्याम गुप्ता जी, प्रबंधक वीरेंद्र जी, उप प्रबंधक आलोक जी, उपाध्यक्ष श्रीमती कविता त्यागी जी, कोषाध्यक्ष श्रीमती एकता जैन जी, लोनी विद्या मंदिर के प्रधानाचार्य अशोक जी उपस्थित रहे। श्रीमान उमेश गुप्ता जी एवं तरुण बहल जी कार्यक्रम के संयोजक रहे। और श्रीमान शैलेंद्र कुमार जी ने बड़े ही प्रभावी तरीके से कार्यक्रम का संचालन किया। प्रधानाचार्य श्रीमान विशोक कुमार जी द्वारा कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन दिया।