द्वितीय सरसंघचालक श्री गुरूजी जयन्ती-सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलिज, शामली-19/02/2021
Feb 19, 2021
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Vidya Bharti Meerut Prant (Owner)
विद्या भारती’ अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर काॅलिज, शामली में अपने मातृ संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक परम पूजनीय श्री माधव राव सदाशिव राव गोलवलकर (श्री गुरूजी) की जयन्ती का कार्यक्रम बडी धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ सरस्वती वन्दना एवं गुरूजी के चित्र के सम्मुख पुष्पार्चन से हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता उप प्रधानाचार्य मलूक चन्द जी ने की तथा संचालन आचार्य सोमदत्त आर्य ने किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में संस्था के उप प्रधानाचार्य मलूक चन्द जी ने श्री गुरूजी के जीवनवृत पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि श्री गुरूजी कुशाग्र बुद्धि के धनी थे। अपने विद्यार्थी जीवन में भी माधव राव जी अपने मित्रों को अध्ययन में उनका मार्गदर्शन किया करते थे। अध्यापक होने के नाते उनकी विलक्षण प्रतिभा और योग्यता से छात्र बहुत प्रभावित थे तो छात्र उनको ‘‘गुरूजी‘‘ के नाम से सम्बोधित करने लगे। इसी नाम से वे आगे चलकर जीवन भर जाने गये। सन् 1937 में नागपुर मे वे ‘‘डा0 हेडगेवार जी‘‘ के सानिध्य में आये। एक व्यक्ति द्वारा पूछने पर गुरूजी ने कहा कि - मेरा रूझान राष्ट्र संगठन कार्य की ओर प्रारम्भ से है। यह कार्य संघ में रहकर अधिक परिणामकारिता से मैं कर सकूँगा ऐसा मेरा विश्वास है। श्री गुरूजी ने अखण्ड भारत का स्वप्न देखा था इसलिए वे सन् 1948 में तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के आग्रह पर कश्मीर को भारत में विलय कराने के लिए स्वयं राजा हरिसिंह के पास गये और उन्होंने राष्ट्रहित के लिए राजा हरिसिंह को इसके लिए मना लिया। वे एक दूरदर्शी और चिन्तनशील व्यक्ति थे। अनेकों विपŸिा होने पर भी वे सदैव हँसमुख स्वभाव को प्रदर्शित करते थे। संघ के प्रति सम्पूर्ण समर्पण एवं प्रबल आत्म संयम होने के कारण सन् 1939 में गुरूजी को सरकार्यवाह नियुक्त किया गया और सन् 1940 में डाॅ हेडगेवार जी द्वारा उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का द्वितीय सरसंघचालक नियुक्त किया। उन्होंने जीवन पर्यन्त संघ एवं भारतीय समाज को दिशा एवं मार्गदर्शन देने का कार्य पूर्ण निष्ठा एवं मेहनत के साथ किया। विद्यालय लिपिक मोहित कुमार ने श्री गुरूजी के जीवन चरित्र को चित्रित करता हुआ गीत ‘‘शत नमन माधव चरण में‘‘ गाकर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर आचार्य पुष्पेन्द्र कुमार, मोहर सिंह, नीटू कश्यप, अरविन्द कुमार, अंकुर कुमार, ब्रजपाल सिंह, अंकित भार्गव, मधुबन शर्मा, अक्षय कुमार, प्रदीप कुमार, सुभाष चन्द, सीताराम, ब्रिजेश कुमार प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।
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