विद्या भारती” अखिल भारतीय शिक्षा संस्थान से सम्बद्ध सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कॉलेज, शामली के सभागार में मुरलीधर दत्तात्रेय (भाऊराव) देवरस, रानी लक्ष्मीबाई, गुरू नानक देव जयन्ती का कार्यक्रम बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का संचालन ओजस्वी कवि प्रीतम सिंह ‘प्रीतम’ ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था के प्रधानाचार्य आनन्द प्रसाद शर्मा ने की।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य सोमदत्त आर्य ने मुरलीधर दत्तात्रेय (भाऊराव) देवरस, एवं रानी लक्ष्मीबाई के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भाऊराव देवरस कुशल संगठनकर्ता, श्रेष्ठ विचारक, चिन्तक होने के साथ-साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह रहे। उन्होंने पं0 दीनदयाल उपाध्याय व अटल बिहारी वाजपेयी जैसे व्यक्तियों को संघ से जोड़ा।
भारतीय वसुंधरा को गौरवान्वित करने वाली झांसी की रानी वीरागंना लक्ष्मीबाई वास्तविक अर्थ में आदर्श वीरागंना थी। अपने पवित्र उद्देश्य के लिए आत्मविश्वासी, कत्वर्यपरायण, स्वाभिमानी और धर्मनिष्ठ जैसे मानवीय गुण उनमें विद्यमान थे। स्वतंत्रता संग्राम में उनकी अग्रणी एवं महत्वपूर्ण भूमिका रही। ऐसी महान विभूतियों का जीवन दर्शन हम सबके लिए महत्वपूर्ण है।
संस्था के प्रधानाचार्य आनन्द प्रसाद शर्मा ने गुरू नानक के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि गुरू नानक देव सिख धर्म के संस्थापक, भाई-चारे और मानवता के संदेश वाहक रहे है। उन्होंने अपनी शिक्षा के अन्तर्गत जीवन के आखरी 18 वर्षों में खेतों में हल चलाकर यह बताया कि हर मनुष्य को मेहनत करनी चाहिए। परिश्रम के कारण ही हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते है।
इस अवसर पर मुख्य रूप से संस्था के उप प्रधानाचार्य मलूक चन्द, आचार्य अरविन्द कुमार, नीटू कुमार कश्यप, मधुबन शर्मा, मोहर सिंह, प्रदीप कुमार, सचिन कुमार, विजय कुमार, अंकुर कुमार, वसीम खान, आदि उपस्थित रहे।