आज भागवंती सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई मंडी मुजफ्फरनगर में चोरी चोरा जनक्रांति शताब्दी समारोह के अंतर्गत होने वाली प्रतियोगिताओं मे से जिला स्तर पर होने वाली कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया ।इस प्रतियोगिता में विद्यालय स्तर पर प्रथम रहने वाले कुल 7 भैया बहनों ने प्रतिभागिता की। इस अवसर पर मुख्य अतिथि जिला विद्यालय निरीक्षक श्रीमान गजेंद्र कुमार द्वारा मां सरस्वती के सम्मुख पुष्पार्चन एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस कार्यक्रम का संचालन विद्यालय की आचार्या श्रीमती दुर्गेश नंदिनी कोशिक द्वारा किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती सीमा गोयल जी द्वारा मंच पर आसीन सभी अतिथियों का परिचय कराया गया तथा मुख्य अतिथि को श्रीफल देकर एवं विद्यालय के वरिष्ठ आचार्य श्रीमान राजेंद्र त्यागी जी द्वारा पटका पहनाकर विद्यालय आगमन पर उनका आभार व्यक्त किया । इस प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाली बहन बुशरा परवीन आर्य कन्या पाठशाला तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले भैया हिमांशु जवाहरलाल नेहरू इंटर कॉलेज रबा सठेडी मुजफ्फरनगर तथा तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली बहन तानिया मित्तल एस डी गर्ल्स इंटर कॉलेज झांसी की रानी मुजफ्फरनगर रही । इस प्रतियोगिता निर्णायक जज रही श्रीमती नीलम शर्मा लाला जगदीश प्रसाद इंटर कॉलेज नई मंडी मुजफ्फरनगर श्रीमती सुकर्मा शर्मा भागवंती सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज नई मंडी मुजफ्फरनगर श्रीमती रेखा जी वैदिक पुत्री कन्या इंटर कॉलेज मुजफ्फरनगर रही । इस अवसर पर वैदिक पुत्री कन्या इंटर कॉलेज मुजफ्फरनगर की प्रधानाचार्या श्रीमती राजेश कुमारी एवं एस डी इंटर कॉलेज झांसी की रानी की प्रधानाचार्या श्रीमती रजनी गोयल जी तथा जीआईसी इंटर कॉलेज मुजफ्फरनगर की प्रवक्ता श्रीमती मीना जी अतिथि रही ।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि महोदय द्वारा बच्चों का उत्साहवर्धन किया गया तथा उन्होंने बताया कि चोरी चोरा जनक्रांति शताब्दी समारोह जनमानस को उन परिस्थितियों में स्वतंत्रता के प्रति होने वाले संघर्ष में महान क्रांतिकारियों के बलिदान से अवगत कराना है ताकि आने वाली पीढ़ी उन महान क्रांतिकारियों के बारे में जान सके जिन्होंने हमें स्वतंत्र कराया उन्होंने बताया कि आजादी के लिए हमने कितनी कुर्बानी दी न जाने कितने अनगिनत क्रांतिकारियों ने स्वयं की आहुति इस स्वतंत्रता संग्राम में दे दी आजादी की कीमत चुकानी पड़ती है तब जाकर हम स्वतंत्र राष्ट्र में स्वतंत्रता पूर्वक सांस ले सकते हैं।